प्राण के साथ वायु को जोड़ने से उसका कार्य नाक द्वारा सांस लेकर फेफड़ों में तथा उसके ऑक्सीजन अंश को रक्त (खून) के बीच से समस्त शरीर में पहुंचाना होता है।
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प्राण शब्द के साथ प्रायः ' वायु' जोड़ा जाता है, तब इसका अर्थ नाक द्वारा श्वास लेकर फेफड़ों में फैलाना तथा उसके ऑक्सीजन अंश को रक्त के माध्यम से शरीर के अंग-प्रत्यंगों में पहुंचाना होता है।
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प्राण शब्द के साथ प्राय: ' वायु ' को जोड़ा जाता है, तब इसका अर्थ नाक द्वारा श्वास लेकर फेफड़ों में फैलाना तथा उसके ऑक्सीजन अंश को रक्त के माध्यम से शरीर के अंग-प्रत्यंगों में पहुंचाना होता है।